Class 4 NCERT HINDI BOOK SOLUTION - हमारा संसार

Tr. Prashant
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हमारा संसार - कक्षा 4 हिंदी कविता

कविता: हमारा संसार

कवि: निरंकार देव 'सेवक'

नई शब्दावली (Shabdarth)

शब्द हिंदी अर्थ English Meaning
सुकुमार नाज़ुक और सुंदर Delicate and beautiful
घोंसला पक्षियों का घर Bird's nest
तिनका पतली सूखी घास या डंडी Dry straw or twig
पसार फैलाना To spread
संसार दुनिया World
आकार रूप, बनावट Shape, structure
समझती थी ऐसा मानती थी Used to think
हरी-भरी बहुत हरियाली वाली Lush green
शाखा पेड़ की टहनी Branch
पंख पसारना उड़ने के लिए पंख फैलाना To spread wings
उड़ी उड़ान भरी Flew
अनुभव खुद की देखी-सुनी बातों से ज्ञान Experience
धीरे-धीरे समय के साथ Slowly, gradually
बड़ा विशाल या अधिक Big, vast

कविता पर आधारित प्रश्नोत्तर

1. पशु-पक्षियों के लिए घर आवश्यक है या नहीं? कारण भी बताइए।
हाँ, पशु-पक्षियों के लिए घर आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें सुरक्षा, आराम और मौसम से बचाव देता है।
2. आपके परिवार के सदस्य घर से बाहर क्यों जाते हैं?
मेरे परिवार के सदस्य काम, पढ़ाई, खरीदारी और अन्य ज़रूरी कामों के लिए बाहर जाते हैं।
3. जब परिवार के सदस्य बाहर जाते हैं या बाहर से आते हैं तो आपको कैसा लगता है और क्यों?
जब कोई बाहर जाता है तो चिंता होती है, और जब वे लौटते हैं तो खुशी होती है क्योंकि वे हमारे अपने होते हैं।
4. जब कोई अतिथि आपके घर आता है या आप किसी संबंधी के यहाँ जाते हैं तो आपको कैसा लगता है?
अतिथि आने पर खुशी होती है क्योंकि नए लोगों से मिलने का अवसर मिलता है और घर में रौनक होती है।
5. क्या आपको लगता है कि पक्षियों की तरह हम भी धीरे-धीरे बड़े होते हैं और फिर उनकी तरह ही संसार देखते हैं? अपने अनुभव साझा कीजिए।
हाँ, हम भी छोटे से घर में जन्म लेते हैं, धीरे-धीरे बाहर की दुनिया को समझते हैं और फिर एक दिन स्वतंत्र होकर अपनी पहचान बनाते हैं।

कविता की बात

1. नीचे दिए गए प्रश्नों में चार विकल्प दिए गए हैं। प्रश्नों के उत्तर में एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं–

क. घोंसले से संबंधित उपयुक्त वाक्य को चिह्नित कीजिए–
  • घोंसला पक्षियों का घर होता है।
  • घोंसला सूखे तिनकों से बनाया जाता है।
  • पक्षियों का घोंसला केवल पेड़ों पर होता है।
  • कुछ पक्षियों का घोंसला हमारे घरों में भी होता है।
उत्तर: ✔ घोंसला पक्षियों का घर होता है। ✔ घोंसला सूखे तिनकों से बनाया जाता है। ✔ कुछ पक्षियों का घोंसला हमारे घरों में भी होता है। ❌ पक्षियों का घोंसला केवल पेड़ों पर होता है। (यह सही नहीं है, क्योंकि घोंसले घरों में भी हो सकते हैं।)

ख. कविता में 'अंडे जैसा था आकार' का प्रयोग निम्नलिखित में से किसके लिए किया गया है–
  • संसार
  • आकाश
  • घर
  • घोंसला
उत्तर: ✔ घर (कविता की पहली पंक्ति के अनुसार, "सबसे पहले मेरे घर का अंडे जैसा था आकार")

ग. 'तब मैं यही समझती थी, बस इतना-सा ही है संसार' – इन पंक्तियों में 'इतना-सा' का अर्थ है–
  • बहुत छोटा
  • बहुत बड़ा
  • बहुत लंबा
  • रंग-बिरंगा
उत्तर: ✔ बहुत छोटा

पंक्तियों का मिलान कीजिए

2. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों का मिलान उनके नीचे दी गई उपयुक्त पंक्तियों से कीजिए -

कविता की पंक्ति मिलान करने वाली पंक्ति
फिर मेरा घर बना घोंसला सूखे तिनकों से तैयार तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार। 
फिर मैं निकल गई शाखों पर हरी-भरी थीं जो सुकुमार  तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार। 
आखिर जब मैं आसमान में उड़ी दूर तक पंख पसार तभी समझ नें आया कि बहुत बडा हैं संसार

सोचिए और लिखिए

1. चिड़िया को यह संसार कब-कब छोटा लगा?
जब चिड़िया घर के के अंदर थी और फिर जब वह घोंसले में थी, तब उसे संसार बहुत छोटा लगा।
2. खुले आकाश में उड़ते समय चिड़िया ने क्या-क्या देखा होगा जिससे उसे लगा कि संसार बहुत बड़ा है?
खुले आकाश में उड़ते समय चिड़िया ने दूर-दूर तक फैले पेड़, पहाड़, नदियाँ, खेत और गाँव देखे होंगे। उसने अन्य पक्षियों को उड़ते हुए देखा होगा। यह सब देखकर उसे लगा होगा कि संसार बहुत विशाल है।
3. प्रायः सुबह-शाम पक्षियों की चहचहाहट (कलरव) सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
पक्षी सुबह सूरज निकलने पर जागते हैं और अपने साथी पक्षियों को बुलाने या दिन की शुरुआत करने के लिए चहचहाते हैं। शाम को वे अपने घोंसलों में लौटते हैं, इसलिए उस समय भी वे चहचहाते हैं। यह उनकी आपसी बातचीत और संचार का तरीका है।

समझ और अनुभव

1. जब कोई शिशु चिड़िया घोंसले से बाहर आती है तो उसे लगता है कि संसार बहुत बड़ा है। क्या आपको भी घर से बाहर निकलते समय ऐसा ही अनुभव होता है और क्यों?
हाँ, जब मैं पहली बार घर से स्कूल, बाज़ार या किसी यात्रा पर गया, तो मुझे भी यह अनुभव हुआ कि संसार बहुत बड़ा है। चारों ओर नई चीज़ें, नए लोग और नए दृश्य देखकर मुझे अचरज हुआ और बहुत कुछ सीखने को मिला।

2. एक शिशु पक्षी की तरह आप भी धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं। अब तक आपमें भी कई परिवर्तन आए हैं। नीचे दिए गए शीर्षकों के अनुसार अपने अंदर आए परिवर्तनों को लिखिए:
शीर्षक मेरे परिवर्तन
शारीरिक परिवर्तन मैं अब पहले से लंबा और मजबूत हो गया हूँ।
रुचियों में परिवर्तन पहले मुझे खिलौने पसंद थे, अब मुझे किताबें और खेल पसंद हैं।
समझ में परिवर्तन अब मैं चीजों को बेहतर ढंग से समझता हूँ।
खान-पान में परिवर्तन अब मैं हरी सब्ज़ियाँ और फल खाना पसंद करता हूँ।
चित्रकारी अब मैं सुंदर और सोच-समझकर चित्र बना सकता हूँ।
खेल अब मैं टीम के साथ खेलना और नियमों का पालन करना सीख गया हूँ।
गीत-संगीत अब मुझे नई धुनें और भजन सुनना अच्छा लगता है।
पढ़ना-लिखना अब मैं खुद से पढ़ और लिख सकता हूँ।
नृत्य और अभिनय मैं मंच पर आत्मविश्वास से नृत्य और अभिनय कर सकता हूँ।

अन्य परिवर्तन: अब मैं अपनी बात को आत्मविश्वास से दूसरों के सामने रख सकता हूँ।


3. पहले चिड़िया को लगता था कि यह संसार बहुत छोटा है परंतु सच्चाई कुछ और ही थी। उस समय आपको कैसा लगा जब आपने इनमें से किसी एक को पहली बार देखा:
  • रेलगाड़ी
  • मेट्रो ट्रेन
  • मॉल
  • समुद्र
  • पहाड़
  • वायुयान
  • जलयान
  • जंगल
  • खेत
  • नदी
  • चार या छह लेन वाली सड़कें
  • रेगिस्तान या मरुस्थल
जब मैंने पहली बार रेलगाड़ी देखी तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। वह बहुत लंबी और तेज़ थी। उसमें बहुत सारे लोग थे और बहुत से डिब्बे जुड़े थे। ऐसा लगा जैसे कोई चलता-फिरता घर हो। मुझे समझ आया कि संसार बहुत विशाल और विविधताओं से भरा है।

अन्य अनुभव: पहली बार जब मैंने समुद्र देखा, तो उसका  फैलाव देखकर मैं हैरान रह गया। ऐसा लग रहा था जैसे पृथ्वी खत्म ही नहीं हो रही!

चित्रों की भाषा

नीचे दिए गए चित्रों को ध्यान से देखिए। चित्र से मेल खाती कविता की कुछ पंक्तियाँ उदाहरण के रूप में दी गई हैं। अब कविता की उपयुक्त पंक्तियों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–

चित्र कविता की पंक्ति
🌅 पक्षी आकाश में उड़ रही है आखिर जब मैं आसमान में उड़ी दूर तक पंख पसार
तभी समझ में मेरी आया बहुत बड़ा है यह संसार।
🥚 घोसले के अंदर चिड़िया सबसे पहले मेरे घर का अंडे जैसा था आकार
तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार।

अनुमान और कल्पना

1. कविता की पंक्ति है "आखिर जब मैं आसमान में, उड़ी दूर तक पंख पसार।" चिड़िया ने अंततः इतनी दूर तक उड़ान क्यों भरी होगी?
चिड़िया ने दूर तक उड़ान इसलिए भरी होगी क्योंकि वह अपने संसार को जानना चाहती थी। वह यह समझना चाहती थी कि उसका घोंसला ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया कितनी बड़ी है। उड़ान भरकर उसने नई-नई जगहें देखीं और अनुभव प्राप्त किए।
2. पक्षी खुले आकाश में बहुत दूर तक उड़ते हैं। लंबी दूरी, हजारों पेड़ों और सैकड़ों घोंसलों के बीच पक्षी अपना घोंसला कैसे ढूँढ़ते होंगे?
पक्षी अपने विशेष घोंसले को पहचानने के लिए अपनी स्मृति शक्ति, दिशा ज्ञान और आसपास के संकेतों का उपयोग करते हैं। वे गंध, स्थान और पेड़ की पहचान से अपने घोंसले तक पहुँच पाते हैं।
3. पक्षियों ने आकाश में उड़कर जाना कि संसार बहुत बड़ा है। हमारे पूर्वजों को यह बात कैसे पता चली होगी?
हमारे पूर्वजों ने यात्रा करके, नई जगहों की खोज करके, तारों और सूर्य की दिशा देखकर जाना कि संसार बहुत बड़ा है। उन्होंने नावों, बैलगाड़ियों और पैदल चलकर अलग-अलग क्षेत्रों की खोज की और अनुभव से यह ज्ञान पाया।
4. जब आप कहीं बाहर जाते हैं तो घर के बड़े-बूढ़े आपको कुछ निर्देश देकर भेजते हैं। क्या पक्षियों के माता-पिता भी उन्हें उड़ने के पूर्व कुछ निर्देश देते होंगे? यदि हाँ, तो वे निर्देश क्या-क्या हो सकते हैं?
हाँ, पक्षियों के माता-पिता अपने बच्चों को उड़ने से पहले सुरक्षा, उड़ान की दिशा और भोजन खोजने की कला सिखाते होंगे। जैसे –
  • ध्यान से उड़ो, बहुत दूर मत जाओ।
  • शिकारियों से बचकर रहो।
  • भोजन और पानी कहाँ मिलेगा, ध्यान रखो।
  • शाम होने से पहले घर लौट आना।

भाषा की बात

1. कविता की पंक्ति है – "फिर मैं निकल गई शाखों पर, हरी-भरी थीं जो सुकुमार"। इसमें 'सुकुमार' शब्द 'सु' और 'कुमार' के मेल से बना है। 'सु' का अर्थ होता है – अच्छा, सुंदर या श्रेष्ठ। नीचे दिए गए प्रारूप के अनुसार कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ लिखिए:
उपसर्ग 'सु' शब्द अर्थ
सु + कुमार सुकुमार कोमल अंगों वाला
सु + कर्म सुकर्म अच्छे कर्म
सु + वास सुवास मीठी या अच्छी खुशबू
सु + दर्शन सुदर्शन सुंदर दिखने वाला
सु + योग्य सुयোগ्य योग्यता वाला, योग्य व्यक्ति
सु + यश सुयश अच्छी कीर्ति या प्रशंसा

2. नीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति उन शब्दों से कीजिए जो रेखांकित शब्दों के विपरीत अर्थ (विलोम) हैं:
वाक्य उत्तर सहित पूर्ण वाक्य
(क) सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें।
(ख) दिल्ली मेरे घर से दूर है लेकिन गुवाहाटी पास में है। दिल्ली मेरे घर से दूर है लेकिन गुवाहाटी पास में है।
(ग) अनवर कब आया और कब गया, पता ही नहीं चला। अनवर कब आया और कब गया, पता ही नहीं चला।
(घ) कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही _____ । कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही छोटा

भाषा की बात – संवाद और वाक्य प्रयोग

आईए, अब एक रोचक संवाद पढ़ते हैं:

🎯 सलमा की सहायता कीजिए – नीचे दिए शब्दों से अपने स्वयं के वाक्य बनाइए:

  • इतना-सा: __________
  • उतना-सा: __________
  • जितना-सा: __________
  • कितना-सा: __________

👇 नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ और वाक्य प्रयोग:

शब्द अर्थ उदाहरण वाक्य
इतना-सा बहुत कम या छोटा मेरे पास इतना-सा समय भी नहीं था कि खेल सकूँ।
उतना-सा जितना किसी ने बताया हो मैंने उतना-सा ही खाना खाया जितना मुझे चाहिए था।
जितना-सा बराबर मात्रा या तुलना मुझे उतने ही रुपये दो जितना-सा तुमने राजू को दिए।
कितना-सा कम मात्रा का आश्चर्य/प्रश्न तुमने देखा, उसने कितना-सा काम किया और थक गया!


पाठ से आगे

पक्षी भोजन की खोज में घोंसले से बाहर उड़ते हैं। यह जानना रोचक होगा कि कौन-सा पक्षी क्या खाता है। नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। पता कीजिए कि वे क्या खाते हैं:

पक्षियों के नाम पक्षियों का भोजन
बाज छोटे जीव-जंतु जैसे चूहे, खरगोश, कबूतर आदि
हंस जल के पौधे, घास और छोटे कीट
तोता फल, बीज, हरी मिर्च, अनाज
बगुला मछलियाँ, मेंढक और जल के कीट
कबूतर चावल, बाजरा, गेहूँ जैसे अनाज
उल्लू चूहे, छोटे पक्षी, कीट, और रात्रिचर जीव

नोट: आप चाहें तो चित्रों के साथ यह जानकारी और रोचक बन सकती है। प्रत्येक पक्षी के साथ उसका चित्र जोड़ें और एक मिनी प्रोजेक्ट या चर्चा कक्षा में आयोजित करें।

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