कविता: हमारा संसार
कवि: निरंकार देव 'सेवक'
नई शब्दावली (Shabdarth)
| शब्द | हिंदी अर्थ | English Meaning |
|---|---|---|
| सुकुमार | नाज़ुक और सुंदर | Delicate and beautiful |
| घोंसला | पक्षियों का घर | Bird's nest |
| तिनका | पतली सूखी घास या डंडी | Dry straw or twig |
| पसार | फैलाना | To spread |
| संसार | दुनिया | World |
| आकार | रूप, बनावट | Shape, structure |
| समझती थी | ऐसा मानती थी | Used to think |
| हरी-भरी | बहुत हरियाली वाली | Lush green |
| शाखा | पेड़ की टहनी | Branch |
| पंख पसारना | उड़ने के लिए पंख फैलाना | To spread wings |
| उड़ी | उड़ान भरी | Flew |
| अनुभव | खुद की देखी-सुनी बातों से ज्ञान | Experience |
| धीरे-धीरे | समय के साथ | Slowly, gradually |
| बड़ा | विशाल या अधिक | Big, vast |
कविता पर आधारित प्रश्नोत्तर
कविता की बात
1. नीचे दिए गए प्रश्नों में चार विकल्प दिए गए हैं। प्रश्नों के उत्तर में एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं–
- घोंसला पक्षियों का घर होता है।
- घोंसला सूखे तिनकों से बनाया जाता है।
- पक्षियों का घोंसला केवल पेड़ों पर होता है।
- कुछ पक्षियों का घोंसला हमारे घरों में भी होता है।
- संसार
- आकाश
- घर
- घोंसला
- बहुत छोटा
- बहुत बड़ा
- बहुत लंबा
- रंग-बिरंगा
पंक्तियों का मिलान कीजिए
2. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों का मिलान उनके नीचे दी गई उपयुक्त पंक्तियों से कीजिए -
| कविता की पंक्ति | मिलान करने वाली पंक्ति |
|---|---|
| फिर मेरा घर बना घोंसला सूखे तिनकों से तैयार | तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार। |
| फिर मैं निकल गई शाखों पर हरी-भरी थीं जो सुकुमार | तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार। |
| आखिर जब मैं आसमान में उड़ी दूर तक पंख पसार | तभी समझ नें आया कि बहुत बडा हैं संसार |
सोचिए और लिखिए
समझ और अनुभव
| शीर्षक | मेरे परिवर्तन |
|---|---|
| शारीरिक परिवर्तन | मैं अब पहले से लंबा और मजबूत हो गया हूँ। |
| रुचियों में परिवर्तन | पहले मुझे खिलौने पसंद थे, अब मुझे किताबें और खेल पसंद हैं। |
| समझ में परिवर्तन | अब मैं चीजों को बेहतर ढंग से समझता हूँ। |
| खान-पान में परिवर्तन | अब मैं हरी सब्ज़ियाँ और फल खाना पसंद करता हूँ। |
| चित्रकारी | अब मैं सुंदर और सोच-समझकर चित्र बना सकता हूँ। |
| खेल | अब मैं टीम के साथ खेलना और नियमों का पालन करना सीख गया हूँ। |
| गीत-संगीत | अब मुझे नई धुनें और भजन सुनना अच्छा लगता है। |
| पढ़ना-लिखना | अब मैं खुद से पढ़ और लिख सकता हूँ। |
| नृत्य और अभिनय | मैं मंच पर आत्मविश्वास से नृत्य और अभिनय कर सकता हूँ। |
अन्य परिवर्तन: अब मैं अपनी बात को आत्मविश्वास से दूसरों के सामने रख सकता हूँ।
- रेलगाड़ी
- मेट्रो ट्रेन
- मॉल
- समुद्र
- पहाड़
- वायुयान
- जलयान
- जंगल
- खेत
- नदी
- चार या छह लेन वाली सड़कें
- रेगिस्तान या मरुस्थल
अन्य अनुभव: पहली बार जब मैंने समुद्र देखा, तो उसका फैलाव देखकर मैं हैरान रह गया। ऐसा लग रहा था जैसे पृथ्वी खत्म ही नहीं हो रही!
चित्रों की भाषा
नीचे दिए गए चित्रों को ध्यान से देखिए। चित्र से मेल खाती कविता की कुछ पंक्तियाँ उदाहरण के रूप में दी गई हैं। अब कविता की उपयुक्त पंक्तियों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
| चित्र | कविता की पंक्ति |
|---|---|
| 🌅 पक्षी आकाश में उड़ रही है | आखिर जब मैं आसमान में उड़ी दूर तक पंख पसार तभी समझ में मेरी आया बहुत बड़ा है यह संसार। |
| 🥚 घोसले के अंदर चिड़िया | सबसे पहले मेरे घर का अंडे जैसा था आकार तब मैं यही समझती थी बस इतना-सा ही है संसार। |
अनुमान और कल्पना
- ध्यान से उड़ो, बहुत दूर मत जाओ।
- शिकारियों से बचकर रहो।
- भोजन और पानी कहाँ मिलेगा, ध्यान रखो।
- शाम होने से पहले घर लौट आना।
भाषा की बात
| उपसर्ग 'सु' | शब्द | अर्थ |
|---|---|---|
| सु + कुमार | सुकुमार | कोमल अंगों वाला |
| सु + कर्म | सुकर्म | अच्छे कर्म |
| सु + वास | सुवास | मीठी या अच्छी खुशबू |
| सु + दर्शन | सुदर्शन | सुंदर दिखने वाला |
| सु + योग्य | सुयোগ्य | योग्यता वाला, योग्य व्यक्ति |
| सु + यश | सुयश | अच्छी कीर्ति या प्रशंसा |
| वाक्य | उत्तर सहित पूर्ण वाक्य |
|---|---|
| (क) सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें। | सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डिब्बों में डालें। |
| (ख) दिल्ली मेरे घर से दूर है लेकिन गुवाहाटी पास में है। | दिल्ली मेरे घर से दूर है लेकिन गुवाहाटी पास में है। |
| (ग) अनवर कब आया और कब गया, पता ही नहीं चला। | अनवर कब आया और कब गया, पता ही नहीं चला। |
| (घ) कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही _____ । | कोई भी काम न तो बड़ा होता है और न ही छोटा। |
भाषा की बात – संवाद और वाक्य प्रयोग
आईए, अब एक रोचक संवाद पढ़ते हैं:
🎯 सलमा की सहायता कीजिए – नीचे दिए शब्दों से अपने स्वयं के वाक्य बनाइए:
- इतना-सा: __________
- उतना-सा: __________
- जितना-सा: __________
- कितना-सा: __________
👇 नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ और वाक्य प्रयोग:
| शब्द | अर्थ | उदाहरण वाक्य |
|---|---|---|
| इतना-सा | बहुत कम या छोटा | मेरे पास इतना-सा समय भी नहीं था कि खेल सकूँ। |
| उतना-सा | जितना किसी ने बताया हो | मैंने उतना-सा ही खाना खाया जितना मुझे चाहिए था। |
| जितना-सा | बराबर मात्रा या तुलना | मुझे उतने ही रुपये दो जितना-सा तुमने राजू को दिए। |
| कितना-सा | कम मात्रा का आश्चर्य/प्रश्न | तुमने देखा, उसने कितना-सा काम किया और थक गया! |
पाठ से आगे
पक्षी भोजन की खोज में घोंसले से बाहर उड़ते हैं। यह जानना रोचक होगा कि कौन-सा पक्षी क्या खाता है। नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। पता कीजिए कि वे क्या खाते हैं:
| पक्षियों के नाम | पक्षियों का भोजन |
|---|---|
| बाज | छोटे जीव-जंतु जैसे चूहे, खरगोश, कबूतर आदि |
| हंस | जल के पौधे, घास और छोटे कीट |
| तोता | फल, बीज, हरी मिर्च, अनाज |
| बगुला | मछलियाँ, मेंढक और जल के कीट |
| कबूतर | चावल, बाजरा, गेहूँ जैसे अनाज |
| उल्लू | चूहे, छोटे पक्षी, कीट, और रात्रिचर जीव |
नोट: आप चाहें तो चित्रों के साथ यह जानकारी और रोचक बन सकती है। प्रत्येक पक्षी के साथ उसका चित्र जोड़ें और एक मिनी प्रोजेक्ट या चर्चा कक्षा में आयोजित करें।