कक्षा ५ वी - हिंदी – कविता "किरन"
कविता "किरन" - नए शब्द और उनके अर्थ
क्रमांक | शब्द | अर्थ (हिंदी) | अर्थ (अंग्रेज़ी में) |
---|---|---|---|
1 | किरन | सूरज की रौशनी की एक पतली रेखा | Sunray |
2 | बिस्तर | सोने के लिए बिछाया गया बिछावन | Bed |
3 | उठकर | नींद से जागकर उठना | Getting up |
4 | शाम | दिन का अंतिम भाग | Evening |
5 | खेली | खेलना का क्रियापद | Played |
6 | अकेली | बिना किसी के साथ | Alone |
7 | सुख | आनंद या खुशी | Comfort / Happiness |
8 | नींद | सोने की क्रिया | Sleep |
9 | परी कथाएँ | परियों की कल्पनात्मक कहानियाँ | Fairy tales |
10 | मुस्कान | हँसी के साथ चेहरा खिलना | Smile |
11 | सुलाकर | किसी को सुलाना | Putting to sleep |
12 | जगाती | किसी को नींद से उठाना | Awakens |
13 | दुनिया | संसार या विश्व | World |
14 | लौट | वापस आना | Return |
15 | गई | जाना क्रिया का भूतकाल रूप | Went |
प्रश्नोत्तर
1. आपको कैसे पता चलता है कि सुबह हो गई है?
हमें सुबह होने का पता पक्षियों की चहचहाहट, सूरज की किरनों के कमरे में आने, और वातावरण में हलचल से चलता है।
2. ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जो सूर्य के प्रकाश के बिना संभव नहीं हैं?
सूर्य के प्रकाश के बिना हम पढ़ाई नहीं कर सकते, खेतों में काम नहीं कर सकते, पौधे नहीं उग सकते, और दिन की सामान्य गतिविधियाँ करना भी मुश्किल हो जाती हैं।
3. सुबह और शाम में से आपको कौन-सा समय अधिक अच्छा लगता है और क्यों?
मुझे सुबह का समय अधिक अच्छा लगता है क्योंकि उस समय वातावरण शांत और ताज़ा होता है, नई ऊर्जा का अनुभव होता है, और दिन की अच्छी शुरुआत होती है।
कविता – किरन : सोचिए और लिखिए
1. किरन ने दूसरी दुनिया में जाने की बात क्यों कही होगी?
किरन ने दूसरी दुनिया में जाने की बात इसलिए कही, क्योंकि वह उन बच्चों को जगाने जाती है जो अब तक सो रहे होते हैं। यह 'दूसरी दुनिया' प्रतीकात्मक रूप से उन जगहों की ओर इशारा करती है जहाँ सुबह अभी नहीं हुई है।
2. “वहाँ शाम हो जाती है तो लौट यहाँ फिर आती हूँ” – इन पंक्तियों में ‘वहाँ’ और ‘यहाँ’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुए हैं?
‘वहाँ’ का अर्थ है वह स्थान जहाँ अभी सुबह हुई है और किरन बच्चों को जगाने गई है। ‘यहाँ’ का अर्थ है वह स्थान जहाँ से किरन निकली थी, यानी वह स्थान जहाँ अब शाम हो गई है।
3. प्रकृति हमें प्रकाश, फल, फूल, लकड़ी, वायु, पानी और बहुत कुछ देती है। हम प्रकृति के लिए क्या कर सकते हैं?
हम प्रकृति की देखभाल कर सकते हैं, जैसे:
- पेड़ लगाना और उनकी रक्षा करना
- जल बचाना
- प्लास्टिक का उपयोग न करना
- वायु को शुद्ध रखने के लिए सार्वजनिक वाहन का उपयोग करना
- पशु-पक्षियों की रक्षा करना
4. कविता की किन पंक्तियों से पता चलता है कि किरन बालिका के साथ दिन भर रहती है?
“कल तो तेरे साथ शाम तक
खेल बहुत से खेली मैं।”
खेल बहुत से खेली मैं।”
समझ और अनुभव
1. “कहने लगी किरन यह सुनकर मैं ही कब सो पाती हूँ…” — इस पंक्ति से किरन के परिश्रम का क्या पता चलता है?
किरन बहुत परिश्रम करती है। वह रोज़ नियत समय पर आती है, सबको जगाती है और एक दूसरी दुनिया में जाकर वहाँ भी प्रकाश फैलाती है।
मेरे आस-पास भी बहुत से लोग परिश्रम करते हैं—जैसे:
मेरे आस-पास भी बहुत से लोग परिश्रम करते हैं—जैसे:
- मेरी माँ, जो सुबह जल्दी उठकर खाना बनाती हैं।
- सफाई कर्मचारी, जो सड़कें और गलियाँ साफ़ करते हैं।
- मेरे शिक्षक, जो हमें पढ़ाते हैं।
- किसान, जो खेतों में मेहनत करते हैं।
2. वे कौन-कौन से लोग हैं जो किरन की भाँति आपको प्रेरित करते हैं?
मेरे जीवन में कई लोग हैं जो किरन की तरह मुझे प्रेरित करते हैं और मेरी देखभाल करते हैं:
- माँ-पापा: जो मुझे सुबह उठाते हैं, मेरे साथ बातें करते हैं और प्रोत्साहित करते हैं।
- शिक्षक: जो पढ़ाई में मेरी मदद करते हैं और मुझे नई चीज़ें सिखाते हैं।
- दोस्त: जो मेरे साथ खेलते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं।
3. सूर्य अथवा चाँद से जुड़ा कोई त्योहार लिखिए।
मकर संक्रांति महाराष्ट्र में सूर्य से जुड़ा एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।
इस दिन लोग तिल और गुड़ से बनी मिठाइयाँ जैसे तिलगुल लड्डू एक-दूसरे को देकर कहते हैं:
👉 "तिलगुल घ्या, गोड गोड बोला!" (तिलगुल लो और मीठा बोलो।)
लोग नए वस्त्र पहनते हैं, पतंगबाज़ी करते हैं और अपने परिवार व मित्रों के साथ आनंद मनाते हैं।
इस दिन लोग तिल और गुड़ से बनी मिठाइयाँ जैसे तिलगुल लड्डू एक-दूसरे को देकर कहते हैं:
👉 "तिलगुल घ्या, गोड गोड बोला!" (तिलगुल लो और मीठा बोलो।)
लोग नए वस्त्र पहनते हैं, पतंगबाज़ी करते हैं और अपने परिवार व मित्रों के साथ आनंद मनाते हैं।
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